बेटे की वतन वापसी पाकर परिजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थात 56 इंच के सीने का जता रहे हैं आभार
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे घमासान युद्ध को लेकर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वतन वापसी के लिए कठोर कदम ही नहीं बल्कि भरपूर प्रयास भी कर रहे हैं तो वही परिजन अपने लाडलो की सलामती के लिए दुआएं ही नहीं बल्कि प्रार्थना भी रात दिन कर रहे हैं ऐसा ही एक मामला जनपद सहारनपुर के कस्बा नागल का है कस्बे के गुरुद्वारा रोड निवासी शमीम अहमद का पुत्र सोहेल खान गत दिसंबर में यूक्रेन की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल कोर्स करने के लिए कहा था लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव से युद्ध में बदले हालात को लेकर सोहेल भी यूक्रेन में फंस गया था जिसकी वतन वापसी को लेकर पिता शमीम अहमद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री से भी मदद की गुहार लगा रहे थे प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी काबिलियत का परिचय देते हुए रूसी राष्ट्रपति को विश्वास में लेकर सभी भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर विकल्प निकाला जिसके तहत सभी छात्र धीरे धीरे अपने वतन लौट रहे हैं कस्बा नागल का सोहेल भी अपने वतन ही नहीं बल्कि अपने परिजनों के बीच पहुंच गया है दिल के कलेजे को पास पहुंचे देख परिजनों के चेहरों पर खुशी लौट आई है