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सहारनपुर में शब-ए-बारात पर पुरखों की कब्र पर पढ़ा फातिहा, गुनाहों की मांगी माफी:- लोगों ने की इबादत, पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट

सहारनपुर में मुस्लिम समाज के लोगो ने शब-ए-बारात पर पूरी रात खुदा की राह में  इबादत की। कब्रिस्तानों में जाकर मुस्लिम समुदायक के लोगो ने  अपने पुरखों की कब्रों पर फातिहा पढ़ा। अल्लाह की इबादत कर अपनी गलतियों व गुनाहों  की माफी मांगी। सहारनपुर के मुख्य कब्रिस्तानों के साथ अन्य कब्रिस्तानों में पुलिस बल पूरी रात अलर्ट रही। होली और शब-ए-बारात साथ होने के कारण जिला प्रशासन भी पूरी रात निगरानी पर रहा।

मुस्लिम समुदायक के लोगो ने जुमे की नमाज के साथ पढ़ा फातिहा
होली के त्यौहार और शब-ए-बरात के त्योहारों के बीच सहारनपुर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहा । मस्जिदों के आसपास पुलिस बल तैनात किया गया है। एसडीएम सीओ के अलावा प्रभारी निरीक्षक तथा हल्का दारोगा पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं। जुमे का दिन, होली और शब-ए -रात एक साथ है। नमाजी जुमे की नमाज पढ़ने मस्जिद में गए। इस बीच एकता कायम रखने के लिए पेश इमाम जामा मस्जिद ने जनता से अपील की होली सद्भावना का त्योहार है। नमाजी घर पर व आसपास में ही नमाज पढ़े। पेश इमाम ने लोगों से अपील की है कि शब-ए-रात के दिन इबादत करें, आतिशबाजी ना करें।

शाम से मजारों और कब्रों पर पहुंचने का सिलसिला जारी रहा
शुक्रवार शाम से ही कब्रिस्तानों और मजारों पर लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। इस रात को मगफिरत यानी माफी की रात भी कहा जाता है। शब एक फारसी शब्द है, जिस का अर्थ रात है और बारात अरबी शब्द है।

जिस का अर्थ निजात यानी छुटकारा है। इमाम कारी इसहाक गोरा ने बताया कि इस रात को अल्लाह तआला अनगिनत लोगों को जहन्नुम से निजात अता करते हैं। लोग कब्रिस्तान भी जाते हैं और अपने पूर्वजों के लिए दुआ करते हैं और फातिहा पढ़ते हैं। मस्जिदों को सजाया गया। जन्नतनशी लोगों के लिए रात को कब्रिस्तान पहुंचकर उनके मगफिरत के लिए फातिहा पढ़ा। अपने परिवार में सलामती बनाए रखने की दुआ की।

 

 

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