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PM Narendra Modi interact with state and district officials and DMs across the country on Covid-19 management | PM Modi ने 54 जिलाधिकारियों से की बात, कहा- नई चुनौतियों के लिए नए समाधान की जरूरत

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण पर काबू पाने और कोविड-19 मैनेजमेंट को लेकर 10 राज्यों के 54 जिलों के जिलाधिकारियों (DM) से बात की. जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में नई चुनौतियों से निपटने के लिए नए समाधान की जरूरत है.

आपदा के सामने संवेदनशीलता की सबसे ज्यादा अहमियत: पीएम

जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, ‘महामारी जैसी आपदा के सामने सबसे ज्यादा अहमियत हमारी संवेदनशीलता और हमारे हौंसले की ही होती है. इसी भावना से आपको जन-जन तक पहुंचकर, जैसे काम आप कर रहे हैं उन्हें और अधिक ताकत और अधिक पैमाने पर करते ही रहना है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘आज परिस्थितियों ने आपको अपनी क्षमताओं की नई तरह से परीक्षा लेने का अवसर दिया है. अपने जिले की छोटी से छोटी दिक्कत को दूर करने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आपकी यही भावना आज काम आ रही है.’

‘वायरस से लड़ाई के लिए तौर-तरीकों में Innovation बहुत जरूरी’

पीएम मोदी ने जिलाधिकारियों से कहा, ‘पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है. महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर Innovation बहुत जरूरी है. ये वायरस म्यूटेशन में और स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और स्ट्रेटेजी भी डायनमिक होने चाहिए.’

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वैक्सीन की वेस्टेज रोकना बहुत जरूरी है: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है. एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना. इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है. गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाजारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है.’

संसाधनों को महामारी से लड़ने में लगाना है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे पास जो संसाधन है उसका पूरा इस्तेमाल इस महामारी से लड़ने में लगाना है. आप अपने शुरुआती दिनों की सोचिए और आज जो परिस्थिति है उसको देखिए, आपको नई चुनौती मिली है जो आपके क्षमता को टेस्ट करती है. हमारी संवेदनशीलता और हमारे हौसले की टेस्टिंग होती है महामारी में अपने काम को और अधिक ताकत से करते रहना है. अपने स्थानीय अनुभव को साझा करना और और एक देश के रूप में मिल कर काम करना जरूरी हो जाता है.’

संक्रमण माइनर स्केल पर रहता है, तब भी है चुनौती: पीएम

जिलाधिकारियों से पीएम मोदी ने कहा, ‘गांवों में टेस्टिंग अधिक करने के लिए और कोरोना से जुड़ी समस्या से निपटने के लिए आप लोगों ने कई इनोवेटिव स्टेप्स लिए है. जब आप ग्रामीणों से डायरेक्ट इंटरैक्ट करते है तो गांव से कई डर निकल जाते हैं और लोगों में गांव को बचाने की जागरूकता बढ़ती है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘एक्टिव केस कम होने शुरू हुए है, लेकिन डेढ़ सालों में आपने अनुभव किया होगा कि जब ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी रहता है तो चुनौती बनी रहती है. टेस्टिंग और सामाजिक दूरी की पालन करना और जरूरी हो जाता है.’

‘फीडबैक से इफेक्टिव पॉलिसी बनाने में मिलती है मदद’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारियों से कहा, ‘फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक्स से ही प्रैक्टिकल और इफेक्टिव पॉलिसी बनाने में मदद मिलती है. टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है.’

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